आजीवक संप्रदाय के संस्थापक कौन थे ?
आजीवक संप्रदाय के संस्थापक मक्खलि गोशाल थे।
- आजीवक संप्रदाय की स्थापना मक्खलि गोशाल द्वारा ईसा पूर्व छठी शताब्दी में की गयी।
- आजीवक सम्प्रदाय सम्पूर्ण नियतत्ववाद (निश्चयवाद) के नियति (भाग्य) है कि कोई स्वतंत्र इच्छा नहीं है और जो कुछ भी हुआ है, हो रहा है निर्धारित है और ब्रह्मांडीय सिद्धान्तों पर आधारित है। इसलिए कर्म का कोई लाभ नहीं है।
- यह परमाणु के सिद्धांत पर आधारित है और यह माना जाता है कि K समूह से विभिन्न गुण उत्पन्न होते हैं, जो पूर्व निर्धारित हैं।
- आजोवक, वस्त्रों और किसी भौतिक सम्पत्ति के बिना सरल और संयमी वनस्पतीक है।
- ये बौद्ध धर्म और जैन धर्म के विरोधी थे तथा नास्तिक थे।
- ये जैन धर्म और बौद्ध धर्म के विपरीत कर्म के सिद्धांत में विश्वास नहीं करते। ये कर्म को प्रामक मानते हैं।
- इन्होंने बौद्ध धर्म और जैन धर्म की भांति वेदों की सत्ता को नकारा था।
- ये जैन धर्म की भांति प्रत्येक जीव में आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार करते थे। पातुरको निराकार आत्मा की अवधारणा के विपरीत आत्मा के भौतिक रूप में विश्वास करते थे।