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बुक्का प्रथम कौन था – Bukka Pratham Kaun Tha
- बुक्का प्रथम (Bukka Pratham) विजयनगर साम्राज्य के शासक थे। बुक्का प्रथम संगम राजवंश से संबंधित थे। उनको ’बुक्क राय प्रथम’ के नाम से भी जाना जाता है। बुक्का प्रथम का शासनकाल 1356 ई. से 1377 ई. तक माना जाता है।
- हरिहर प्रथम का उत्तराधिकारी उसका भाई बुक्का प्रथम सिंहासन पर बैठा था। यह 1346 ई. से ही संयुक्त शासक के रूप में शासन कर रहा था।
- बुक्का प्रथम ने सर्वप्रथम 1377 ई. में उसने मदुरै विजय की, इस विजय के उपरान्त उसने मदुरै के अस्तित्व को मिटाकर उसे विजयनगर साम्राज्य में मिला लिया। अब विजयनगर साम्राज्य का प्रसार दक्षिण भारत, रामेश्वरम् तक हो गया। इसमें तमिल व चेर (केरल) के प्रदेश भी सम्मिलित थे।
- अभिलेखों में उसे पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी सागरों का स्वामी कहा गया है।
- उसने बहमनी सुल्तान मुहम्मद शाह प्रथम के साथ भी युद्ध किया और उसके साथ समझौता किया, जिसके कारण कृष्णा-तुंगभद्रा (रायचूर) नदियों के दोआब पर विजयनगर का अधिकार हो गया।
- धार्मिक दृष्टि से उसने हिन्दू धर्म की सुरक्षा का दावा किया और वेद-मार्ग प्रतिष्ठापक की उपाधि ग्रहण की, परन्तु उसने जैन, बौद्ध, ईसाई तथा मुसलमान आदि सभी को पूर्ण धार्मिक स्वतन्त्रता प्रदान की।
- उसने वेद और अन्य धार्मिक ग्रन्थों की नवीन टीकाएं लिखवायीं तथा तेलगू साहित्य को प्रोत्साहन दिया।
- बुक्का प्रथम के समय में कृष्णा नदी को बहमनी और विजयनगर राज्य की सीमा मान लिया गया।
- बुक्का प्रथम ने वेदों के प्रसिद्ध भाष्यकार सायणाचार्य को प्रश्रय दिया था।
- बुक्का प्रथम ने ’तीन समुद्रों का अधिपति’ की उपाधि धारण की थी।
- उसने राज्य की वैदेशिक नीति को विकसित करने हेतु चीन में अपना एक दूतमण्डल भेजा।
- 1377 ई. में बुक्का प्रथम की मृत्यु हो गयी।