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कनिष्क कौन था ?
- कनिष्क (Kanishka) भारत के प्रमुख कुषाण राजाओं में माना जाता है।
- परम्परा के अनुसार कनिष्क के समय में कश्मीर के कुंडलवन में आचार्य पार्श्व की अध्यक्षता में चौथी बौद्ध संगीति सम्पन्न हुई थी।
- इसकी प्रथम राजधानी पेशावर (पुरुषपुर) एवं दूसरी राजधानी मथुरा थी। इसने 78 ई. में नया संवत् चलाया, जिसे ’शक संवत्’ के नाम से जाना जाता है।
- कनिष्क ने कश्मीर को जीतकर वहां ’कनिष्कपुर’ नामक नगर बसाया। उसने काशगर, यारकन्द व खोतान पर भी विजय प्राप्त की।
- महास्थान (बोगरा) में पायी गयी सोने की मुद्रा पर कनिष्क की एक खड़ी मूर्ति अंकित है। मथुरा जिले में कनिष्क की एक प्रतिमा मिली है।
- इस प्रतिमा में उसने घुटने तक चोगा और भारी बूट पहने हुए हैं। एक तांबे के सिक्के पर कनिष्क को वेदी परबलि देते दिखाया गया है।
- कनिष्क के राजदरबार में पार्श्व, वसुमित्र, अश्वघोष जैसे बौद्ध विचारक, नागार्जुन, जैसे प्रख्यात गणितज्ञ और चरक जेसे चिकित्सक विद्यमान थे।
- बौद्ध धर्म की महायान शाखा का अभ्युदय और प्रचार कनिष्क के समय में हुआ।
- उत्तर भारत में कुषाण शासकों की सत्ता लगभग 230 ई. तक बनी रही। इस समय रोम से भारत का व्यापार काफी लाभप्रद स्थित में था, जिससे भारत में आर्थिक समृद्धि आई।